श्रीमद् देवी भागवत के अनुसार छह मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के दूसरे पुत्र "कार्तिकेय" का प्रतीक है, छह मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की शक्ति का केंद्र है।
यह विद्या प्रदान करता है। यह स्वर शक्ति को बढ़ाता है।
6 मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को सफलता, प्रसिद्धि, शारीरिक शक्ति, विलासिता, ज्ञान, धन, नाम, करिश्माई व्यक्तित्व से लाभ पहुंचाता है, किसी भी रिश्ते से गलतफहमी के बुरे प्रभाव को दूर करता है
यह रुद्राक्ष सांसारिक दुखों से मुक्ति दिलाता है।
मालव्य 6 मुखी रुद्राक्ष मूलतः इंडोनेशिया
- रुद्राक्ष के प्रकार - 6 मुखी
- रुद्राक्ष की उत्पत्ति - इंडोनेशियाई रुद्राक्ष
- 100% मूल लैब प्रमाणित रुद्राक्ष
इसका शासक ग्रह शुक्र है। शुक्र प्रेम, सौंदर्य का ग्रह है, और यह ग्रह जननांग अंग, मूत्र पथ को नियंत्रित करता है
शुक्र का प्रभाव मूलाधार चक्र, प्रोस्टेट और प्रजनन अंग पर होता है
शिक्षकों, विद्वानों और छात्रों के लिए छह मुखी रुद्राक्ष पहनना अत्यधिक अनुशंसित है।
यह बुद्धि को परिष्कृत करता है, अभिव्यक्ति की शक्ति में सुधार करता है और इच्छा शक्ति भी बढ़ाता है
इसके औषधीय गुणों के संबंध में यह मधुमेह, मूत्र संक्रमण, हकलाने की समस्या, भाषण समस्या में सहायक है।